ईश्वरीय धर्म बीज-रक्षा
प्राण ऊर्जा ~ ब्लैक होल से बीज तक
बीज-रक्षा
आपको यह जानकर सुखद आश्चर्य होगा, कि प्रकृति ने मनुष्यों को इस प्रकार से बनाया है कि हम अपने मन में जो भी सपना देखते हैं, वह स्वतः ही साकार हो जाता है.
यदि आप जीवन में मनचाही सफलता पाना चाहते हैं, तो इसे ध्यान से पढ़ें. यह एक ईश्वरीय नियम है कि बीज ही फल बनाता है, जो सभी वनस्पतियों, प्राणियों और मनुष्यों पर समान रूप से लागु होता है. इसलिए मनुष्यों को भी बीज से ही सफलता मिलती है, क्योंकि सफलता भी एक प्रकार का फल होता है.
लेकिन एक विश्ववयापी ग़लतफ़हमी के चलते मनुष्यों ने अपने मस्तिष्क को ही मन समझ लिया है. इस ग़लतफ़हमी में अधिकांश मनुष्य अपने बीजों को महत्वहीन समझकर क्षणिक आनंद में नष्ट कर देते हैं, और जीवन में असफल ही रहते हैं. मनचाही सफलता पाने के लिए हमें इस गलतफहमी को दूर करना होगा और समझना होगा कि हमारा मन हमारे बीजों में होता है.
सभी वनस्पतियों, प्राणियों और मनुष्यों का जन्म एक बीज से होता है, जिसे ज़ायगोट कहते है. एक ज़ायगोट बीज पहले वृक्ष बनाता है, और फिर वृक्ष पर अनेक बीजों से अनेक फल मिलते हैं. ठीक इसी तरह एक ज़ायगोट बीज पहले हमारा शरीर बनाता है, और फिर शरीर में अनेक बीजों से अनेक सफलताएं मिलती हैं.
बीज से फल या सफलता पाने का प्रोग्राम बीज के डीएनए में लिखा होता है. बीज में प्रकृति की चार शक्तियाँ डीएनए और आरएनए के चार जेनेटिक कोडॉन के रूप में काम करती हैं. इन चार ईश्वरीय शक्तियों में, आनंद थाईमीन या युरेसिल के रूप में, आत्मा एडेनीन के रूप में, मन साइटोसिन के रूप में और ऊर्जा गुआनीन के रूप में अपना काम करती हैं.
आनंद के द्वारा हम सपने देखते हैं, आत्मा के द्वारा योजना बनाते हैं, मन के द्वारा सोच-विचार और काम करते हैं, और ऊर्जा के द्वारा संसाधन प्राप्त करते हैं. डीएनए और आरएनए प्रोग्राम को प्रोसेस करने के लिए, मानव मस्तिष्क एक प्रोसेसर, शरीर एक डिवाइस, और बीज एक सिमकार्ड की तरह काम करते हैं.
इस प्रकार हमारा मन बीजों के डीएनए में होता है, जो मस्तिष्क में वायरलेस तरीके से प्रोसेस होता है. बीज में स्थित हमारा मन जो सपना देखता है, वह सपना ही हमारे बीजों का फल बन जाता है. फिर हमारे बीज अपना फल बनाने के लिए अवचेतन रूप से काम करते हैं.
बीज-रक्षा का आजीवन पालन करने पर मनुष्यों को प्राकृतिक रूप से स्वास्थ्य, सम्पदा, पहचान और प्रसिद्धि के रूप में जीवन में मनचाही सफलता प्राप्त होती है. बीज-रक्षा यानी आजीवन सिर्फ जीवनसाथी के साथ संबंध रखते हुए, अपने विचारों और कर्मों में संपूर्ण पवित्रता बनाए रखना. बीज-रक्षा मानव जीवन की सबसे महान और सबसे सरल शिक्षा है.
सफलता का विज्ञान बीज-रक्षा को वैज्ञानिक आधार पर विस्तार से समझने के लिए, वीडियो प्रेजेंटेशन ईश्वरीय धर्म बीज-रक्षा अवश्य देखें, या ई-बुक पढ़ें.
चूंकि हमारा मन हमारे बीजों में होता है और बीज ही फल बनाता है, इसलिए हमें मनचाही सफलता के फल तभी मिल सकते हैं, जब बीज-रक्षा का आजीवन पालन किया जाता है.
बीज से सफलता के फल
दुनिया के सभी वनस्पति और प्राणी बीज-रक्षा का पालन करते हैं. मनुष्य को भी उनके बीज से ही सफलता के फल मिलते हैं
हमारा मस्तिष्क हमारा मन नहीं है
हमारा मन हमारे बीज में होता है. हमारा मन का सपना ही हमारे बीज का फल होता है. सपनों को साकार करने के लिए बीज-रक्षा का पालन करें
मनुष्य जीवन के दो रास्ते
मरणं बिंदु पातेन, जीवनं बिंदु धारणात् अर्थात बीज-क्षरण विफलता रूपी मृत्यु है, बीज-रक्षा सफलता रूपी जीवन है
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ईश्वरीय धर्म बीज-रक्षा : प्राण ऊर्जा ~ ब्लैक होल से बीज तक
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Divine Dharma Save-Seed : Life Energy ~ From Black Hole to Seed
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